डॉक्टर की फीस- Short Story In Hindi - Storykunj
एक बीमार ताऊ ने अपने घर डॉक्टर को बुलवाया हुआ था | डॉक्टर साहब मोटे थे, तो लिफ्ट खराब होने के कारण वह बीमार के कमरे तक पहुंचते-पहुंचते हांफने लगे |
डॉक्टर की हालत देखकर उन्होंने डॉक्टर को आरामदेह कुर्सी बैठने को दी |
और खुद बिस्तर से उठ कर डॉक्टर की थकान दूर करने के लिए एक गोली देते हुए बोले ! यह तुम्हें तुरंत आराम पहुंचाएगी | तुम्हारे कष्ट का असली कारण अधिक भोजन है । गरिष्ठ भोजन बंद करके हरी साग सब्जी और फल खाओ |
मैं उम्र में तुमसे दुगना बड़ा हूं | फिर भी देखो कितनी चुस्ती - फुर्ती है | तुमने देखा कि मैं किस तेजी से खाट से उठ बैठता हूं |
डॉक्टर साहब ने ताऊ जी की चुस्ती - फुर्ती की तारीफ की |
फिर ताऊ जी ने डॉक्टर से पूछा कि क्या वे नृत्य कर सकते हैं ? उन्होंने रेडियो पर म्यूजिक चला दिया और खुद नाचने लगे | डॉक्टर महोदय नृत्य से अनभिज्ञ थे | ताऊ जी ने सलाह दी प्रतिदिन कम से कम पनद्रह से बीस मिनट तक नाचा करो | तब तुम मेरे जैसे चुस्त हो जाओगे।
तुम डॉक्टर लोग मरीज को ऐसी सलाह बहुत देते हो, जो मरीज के लिए अनुपयुक्त होती है | तुम एक डाकिए को घूमने फिरने के लिए कहते हो, जबकि वह घूमने फिरने में ही अपनी ताकत खत्म करता है |
ऐसे ही तुम मुझे लिखने के लिए मना करोगे, जबकि मैं लिखने से ही स्वस्थ रहता हूं |अच्छा अब मैंने तुम्हें अनुभवी सलाह दी है इसके लिए तुम मुझे पांच शीलिंग दे दो ?
डॉक्टर साहब मुस्कुरा कर बोले ' उन्हें मेरी फीस में से काट कर बचे हुए दो पौंड आप मुझे दे दो, ताऊ जी ने पूछा क्यों ?
' क्योंकि मैंने आपको अच्छा कर दिया है | मुझे मरीज जानकर आप अपना कष्ट भूल गए, आपने नृत्य भी किया,
डॉक्टर की बात सुनकर ताऊजी खूब खुलकर हंसे और उन्होंने मुस्कुराते हुए डॉक्टर साहब को दो पौंड दे दिए |
Awasome
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